Friday, April 21, 2017

जामुन रस - एक आयुर्वेदिक वरदान


जामुन का पेड़ आम के पेड़ की तरह काफी बड़ा लगभग 20 से 25 मीटर ऊंचा होता है और इसके पत्ते 2 से 6 इंच तक लम्बे 2 से 3 इंच तक चौड़े होते हैं। जामुन के पेड़ की छाल का रंग सफेद भूरा होता है। इसके पत्ते आम और मौलसिरी के पत्तों के जैसे होते हैं। काला जामुन जिसे हम काले बेर भी कहते हैं डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण के रूप में काम करता है। बहुत कम लोगों को मालूम है कि रोजाना जामून का सेवन करने से डायबिटीज की समस्या दूर होती है। हालांकि यह बाजार में बहुत ही महंगे मिलते हैं लेकिन फिर डायबिटीज के मरीज इसे खरीदते हैं। जामुन के फूल अप्रैल के महीने में लगते हैं और जुलाई से अगस्त तक जामुन (फल) पक जाते हैं। इसके कच्चे फल का रंग हरा और पका फल बैगनी, नीला, काला और अन्दर से गाढ़ा गुलाबी होता है। खाने में जामुन का स्वाद कषैला, मीठा खट्टा होता है। इसमें एक बीज होता है। जामुन छोटी बड़ी दो प्रकार की मिलती है।
जामुन का रस। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि इतने से फल का क्या तो रस निकालना ऐसे ही खा लेना ज्यादा सुविधाजनक है, लेकिन ऐसा नहीं है जामुन का रस इन दिनों शहरों के ज्यूस सेंटर में अपनी खास जगह बना रहा है। यहां तक कि इसे पेश करने के नायाब तरीके से ही आप इस पर फिदा हो सकते हैं। ग्लास के चारों ओर काला नमक लगाकर इसे जामुन रसिकों को दिया जाता है   जहां यह उपलब्ध है वहां के मालिक बताते हैं कि यह स्वादिष्ट और गुणकारी इतना है कि हर रस को इसने नीरस कर दिया है। इसके असरकारी फायदों ने जामुन के रस प्रेमियों की संख्या में वृद्धि की है।  
वैज्ञानिकों के अनुसार  जामुन में लौह और फास्फोरस काफी मात्रा में होता है। जामुन में कोलीन तथा फोलिक एसिड भी होता है। जामुन के बीच में ग्लुकोसाइड, जम्बोलिन, फेनोलयुक्त पदार्थ, पीलापल लिए सुगन्धित तेल काफी मात्रा में उपलब्ध होता है। जामुन मधुमेह (डायबिटीज), पथरीलीवरतिल्ली और खून की गंदगी को दूर करता है। यह मूत्राशय में जमी पथरी को निकालता है। जामुन और उसके बीज पाचक और स्तम्भक होते हैं।
जामुन के आयुर्वेदिक गुण 

1. जामुन के सेवन से पाचन क्रिया सक्रिय रहती है और पेट के विकार दूर होते हैं।
2. जामुन के सेवन से पित्त की जलन,पेट में कीड़े, दमा रोग, दस्त, खांसी तथा कफ की समस्या से निजात मिलता है।
3. जामुन के सेवन से खून की वृद्धि होती है और दांतों मसूढ़ों को रोग निरोधक शक्ति मिलती है।
4. जामुन के पत्तों की राख पीसकर दांतों पर मंजन करने से मसूढ़ों के रोग-विकार दूर होते हैं।
5. जामुन रोग-विकारों को दूर करके शरीर को सुंदर आकर्षक बनाता है।
6. सिरदर्द होने की स्थिति में जामुन का रस मस्तक पर मलिए, आपको लाभ मिलेगा।
7. जामुन की छाल को पानी में उबालकर उसका कुल्ला करने से मसूढ़ों के रोग-विकार नष्ट होते हैं।
8. जामुन के बीज संकोचक, सिरका पौष्टिक और उदर के वायु विकार को दूर करता है।
9. डायबटीज की बीमारी के लिए जामुन एक गुणकारी फल है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला फल भी है।
10. जामुन के कोमल पत्तों को पानी में उबालकर और छानकर उसे कुल्ला करने पर मसूढ़ों की सूजन खून निकलने की विकृति नष्ट होती है।
11. जामुन खाने से भी पथरी दूर होती है और इसके गुठली का चूर्ण बनाकर दही या मट्ठे के साथ सेवन करने से पथरी धीरे-धीरे नष्ट होती है।
12. जामुन की गुठलियां बीस ग्राम मात्रा में लेकर उसमें दो ग्राम अफीम किसी खरल में घोटकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक गोली जल के साथ सेवन करके से मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
14. शाम 3-3 ग्राम चूर्ण जल के साथ सेवन करने से मधुमेय रोग में बहुत लाभ होता है।
16. जामुन की भीतरी छाल का काढ़ा बनाकर पिलाने से ऐंठन, मरोड़ की समस्या दूर होती है।
17. छोटे बच्चों को दस्त होने पर जामुन की ताजी छाल का रस, बकरी के दूध में उबालकर ठंडा कीजिये और उसे पिलाने पर बहुत लाभ होता है।
18. पानी में एक जामुन के कोमल पत्तों को पीसकर पिलाने से अफीम का नशा दूर हो जाता है।
19. जामुन के पत्ते चबाकर उसका रस चूसने से मुंह में बदबू आने बंद हो जाते हैं।
20. बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करने संबंधी बीमारी में जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर तीन ग्राम मात्रा में जल के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
21. दस्त में खून निकलने की विकृति होने पर जामुन की गुठली का चूर्ण पांच ग्राम मात्रा में दिन में कई बार मटठे के साथ सेवन करने से ब्लीडिंग की समस्या से मुक्ति मिलती है।
22. अपनी आवाज की सुरीली बनाना है तो जामुन की गुठली को सुखाकर उसका चूर्ण बनाएं और शहद के साथ मिलाकर चाटें।
23. रोगी को खाली पेट जामुन खाने चाहिए। जामुन खाने से मुंह के छाले दूर होते हैं और
24. जामुन का शर्बत ठड़े पानी में मिलाकर पीने से उलटी और दस्त की समस्या से निजात मिलता है और गर्मी में राहत भी देती है।
25. जामुन के सिरके को पानी में मिलाकर सेवन करने से कब्ज की पुरानी समस्या से छुटकारा मिलता है।
इन्ही सरे फायदों को देखते हुए, आयुप्रा आपके लिए ले कर आया है आयुर्वेदिक जामुन का रस. नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और घर बैठे मंगाए कृष्णा जामुन जूस ५०० ml.

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